Last updated on March 21st, 2024 at 10:45 am
Mahashivratri, हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक, भगवान शिव के भक्तों के लिए वर्ष के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। यह वार्षिक उत्सव न केवल देवताओं के देवता, शिव, के प्रति श्रद्धालु भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह आध्यात्मिक जागरण, आत्म-सुधार, और मोक्ष प्राप्ति की आकांक्षा का भी प्रतीक है। आपके मन में सवाल होगा की इस साल Mahashivratri Kab Hai तो आइये जानते है कब है महाशिवरात्रि।
महाशिवरात्रि की तिथि और महत्व (The Date and Significance of Mahashivratri)
महाशिवरात्रि को हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में, यह पर्व 8 मार्च को पड़ रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस पवित्र दिन का अत्यधिक महत्व है:
- शिव-पार्वती विवाह: कई पुराणों के अनुसार, महाशिवरात्रि के पवित्र दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिव्य विवाह को ब्रह्मांड के सृजन और विनाश के चक्र का प्रतीक माना जाता है।
- रात्रि जागरण: भक्त इस विशेष रात को भगवान शिव की पूजा करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए रात भर जागते रहते हैं। यह रात्रि जागरण आत्म-जागृति और आध्यात्मिक सफर की शुरुआत का भी प्रतीक है।
- व्रत और पूजा: भक्त महाशिवरात्रि के दिन कठोर व्रत रखते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अनुष्ठान करते हैं।
- मोक्ष की प्राप्ति: ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा और भक्तिभाव से भगवान शिव की आराधना करता है, उसे जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्ति (मोक्ष) प्राप्त होती है।
महाशिवरात्रि न केवल शिव-पार्वती के विवाह का उत्सव है, बल्कि यह शिव के विभिन्न रूपों का भी स्मरण दिवस है। इन रूपों में शिव के शिवलिंग के रूप में प्रकट होने का उत्सव शामिल है, जो उनकी निराकार वास्तविकता का प्रतीक है, साथ ही अर्धनारीश्वर (आधा शिव, आधा पार्वती) के रूप का जश्न मनाना, जो ब्रह्मांड में स्त्रीलिंग और पुरुषलिंग ऊर्जा के संतुलन का प्रतीक है।
महाशिवरात्रि की परंपराएं और अनुष्ठान (Traditions and Observances of Mahashivratri)
Mahashivratri का उत्सव पूरे भारत में और दुनिया भर के हिंदू समुदायों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस शुभ दिन से जुड़े विभिन्न परंपराओं और अनुष्ठानों में शामिल हैं:
- व्रत: महाशिवरात्रि के पूर्व दिन से ही कई भक्त निर्जला व्रत रखते हैं, जो अगले दिन सूर्योदय के बाद समाप्त होता है।
- स्नान: महाशिवरात्रि के सुबह, भक्त पवित्र नदियों, तालाबों या कुओं में स्नान करके आध्यात्मिक शुद्धिकरण करते हैं।
- पूजा: मंदिरों और घरों में भगवान शिव को जलाभिषेक किया जाता है। भक्त दूध, दही, शहद, फल, बेलपत्र, धतूरा, और भांग जैसी पवित्र सामग्रियों को चढ़ाते हैं।
- “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप: भक्त पूरे दिन “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जप करते हुए भगवान शिव का ध्यान करते हैं। यह मंत्र शिव के पांच अक्षरों का प्रतिनिधित्व करता है –
Mahashivratri 2024 के शुभ मुहूर्त:
- चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 8 मार्च, 2024 रात्रि 9:57 बजे
- चतुर्दशी तिथि समापन: 9 मार्च, 2024 शाम 6:17 बजे
- प्रथम पहर पूजन: 8 मार्च, 2024 शाम 6:25 बजे से 9:28 बजे तक
- द्वितीय पहर पूजन: 8 मार्च, 2024 रात्रि 9:28 बजे से 9 मार्च, 2024 रात्रि 12:31 बजे तक
- तृतीय पहर पूजन: 9 मार्च, 2024 रात्रि 12:31 बजे से 3:34 बजे तक
Mahashivratri का पर्व आध्यात्मिक जागरण और भक्ति का प्रतीक है। इस दिन भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु व्रत रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और रात्रि जागरण करते हैं।
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