1 जून को ‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा बुलाई गई बैठक को लेकर सियासी गलियारों में बयानबाजी तेज हो गई है। एनडीए में शामिल दलों के नेताओं ने इस बैठक पर तंज कसते हुए इसे ‘मटन पार्टी’ और ‘शोक सभा’ तक कह डाला। लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान और बीजेपी नेता संजय जायसवाल ने इस बैठक पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
चिराग पासवान का इंडिया’ गठबंधन पर तीखा हमला
लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक पर कटाक्ष करते हुए कहा, “ये लोग बैठक बुला रहे हैं ताकि ये तय कर सकें कि किस दिन किसके घर पर मटन बनेगा और किसके घर पर नहीं। ‘इंडिया’ गठबंधन के लोगों के बीच यही चिंता है कि हमने आपको खिला दिया, लेकिन आपने हमें नहीं खिलाया। अब ये लोग 1 तारीख को यही डिसाइड करेंगे कि चार तारीख को कौन-कौन किसके यहां भोज पर जाएगा।”
चिराग पासवान ने आरोप लगाया कि ‘इंडिया’ गठबंधन के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है और वे सिर्फ खाने-पीने की चिंता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं और विपक्षी दल इससे बेफिक्र होकर बैठक बुला रहे हैं।
सनातन धर्म पर विवादित बयान
चिराग पासवान ने ‘इंडिया’ गठबंधन पर सनातन धर्म के खिलाफ होने का आरोप लगाते हुए कहा, “इंडिया गठबंधन में सनातन को बीमारी बताने वाले लोग शामिल हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी कहते हैं कि शक्ति का विनाश होना चाहिए। वहीं, जब प्रधानमंत्री शक्ति की आराधना करते हैं, तो उन्हें यह बात चुभती है।”
अग्निवीर योजना पर राहुल गांधी की आलोचना
राहुल गांधी द्वारा अग्निवीर योजना की आलोचना किए जाने पर चिराग पासवान ने कहा, “राहुल गांधी कह रहे हैं कि वे इस योजना को बंद करेंगे। वैसे भी ये सत्ता में आएंगे नहीं, लेकिन अगर गलती से आ भी गए, तो वे ना केवल ‘अग्निवीर योजना’ बल्कि ‘किसान सम्मान निधि’ और आयुष्मान योजना जैसी तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं को भी बंद कर देंगे।”
बीजेपी नेता संजय जायसवाल का तंज
बीजेपी नेता संजय जायसवाल ने भी विपक्ष द्वारा बुलाई गई बैठक पर तंज कसते हुए कहा, “अगर मरीज के बारे में पता चल जाए कि इसका ब्रेन डेथ हो गया है, तो उस पर चर्चा मौत की घोषणा से पहले होती है। उनको भी अच्छे से पता है कि चार जून को उनका समापन निश्चित है। इसलिए ये लोग एक जून को अपनी शोक सभा कर रहे हैं।”
बैठक की पृष्ठभूमि और एजेंडा
1 जून को होने वाली ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से पहले बुलाई गई है। अरविंद केजरीवाल को दो जून को सरेंडर करना है। इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में केजरीवाल, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव समेत तमाम विपक्षी दलों के प्रमुखों को न्योता भेजा गया है।
निष्कर्ष
विपक्ष की इस बैठक पर एनडीए के नेताओं की तीखी बयानबाजी ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। जहां एक ओर विपक्ष अपनी रणनीति बनाने की कोशिश कर रहा है, वहीं सत्तारूढ़ दल इसे सिर्फ एक खानापूर्ति के रूप में देख रहा है। 4 जून को चुनावी नतीजे आने के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि कौन सही था और कौन गलत। तब तक सियासी बयानबाजी का यह सिलसिला जारी रहेगा।
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