सिद्धू मूसेवाला की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि
लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण के चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पंजाब में चुनावी अभियान के बीच दिवंगत पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर राहुल गांधी ने सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह से मुलाकात की और उनके साथ लंबी बातचीत की।
राहुल गांधी और सिद्धू मूसेवाला की पहली मुलाकात
राहुल गांधी ने बताया कि जब वह पहली बार सिद्धू मूसेवाला से मिले थे, तो उन्हें ऐसा लगा कि यह युवक पंजाब का बड़ा नेता बन सकता है। इस दौरान बलकौर सिंह ने भी अपने बेटे को याद करते हुए कई बातें साझा कीं।
सिद्धू मूसेवाला का राजनीति में आने का उद्देश्य
बलकौर सिंह ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला को बचपन से ही गायकी का शौक था और वह स्कूल के सिंगिंग प्रोग्राम में भी हिस्सा लेता था। बलकौर सिंह ने कहा, “जो हुआ शायद उसे मालूम था, क्योंकि वह कहता था पापा ये लोग मुझे छोड़ेंगे नहीं। शायद पॉलिटिक्स में आने का उसका यही मकसद था कि मैं थोड़ा और मजबूत हो जाऊं और मुझे पावर मिलेगी, तो ये लोग मेरा पीछा छोड़ देंगे। क्योंकि झुकना उसे आता नहीं था और ये लोग चाहते थे कि काम करना है तो मेरे नीचे रहकर करना पड़ेगा। ये लोग प्रेशर उसपर डाल रहे थे।”
कांग्रेस में शामिल होने के बाद की घटनाएं
बलकौर सिंह ने बताया कि जब सिद्धू मूसेवाला ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और इलेक्शन हार गया, तो अमित शाह के ऑफिस से तीन फोन आए थे। उन्होंने कहा, “उस दौरान बेटे ने चौड़ में मुझसे कहा था कि बापू कमल के फूल वालों के फोन आ रहे हैं, लेकिन उसने इस बात को हल्के में ले लिया।”
हमले और पुलिस की लापरवाही
बलकौर सिंह ने बताया, “मेरे बेटे पर सवा पांच बजे हमला होता है और साढ़े सात बजे पूरे शहर में नाका नहीं लगा कहीं। कत्ल करने के बाद दोषी डेढ़ घंटे एक जगह पर बैठे रहे। इसकी जांच तभी होगी, जब अपना गठबंधन आएगा।” उन्होंने कहा, “मैं जबतक रहूंगा, तबतक कांग्रेस के लिए काम करता रहूंगा।”
बलकौर सिंह की अपील
सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने राहुल गांधी से कहा कि उन्हें अपने बेटे की हत्या की जांच की पूरी उम्मीद कांग्रेस से ही है। उन्होंने अपनी बात खत्म करते हुए कहा कि कांग्रेस को वोट दें और अपने क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशियों को विजयी बनाएं।
निष्कर्ष
सिद्धू मूसेवाला की पुण्यतिथि पर उनके पिता बलकौर सिंह के खुलासे ने न केवल उनके बेटे की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को उजागर किया, बल्कि उनकी हत्या की जांच को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े किए। बलकौर सिंह की अपील और उनके दुखद अनुभवों ने यह साफ कर दिया है कि उनके लिए न्याय का रास्ता अभी लंबा है और इसके लिए वे कांग्रेस पर ही विश्वास जताते हैं।
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